करणी प्रेस इंडिया

गुरुवार, 18 अप्रैल 2024

भाजपा के विरुद्ध राजपूतों का उफान:राजस्थान में सभी 25 सीटों पर जीत असंभव

 

* करणीदानसिंह राजपूत *

भाजपा राजस्थान की समस्त 25 लोकसभा सीटों पर जीत का दावा कर रही है लेकिन भाजपा के विरुद्ध राजपूतों के लगातार बढते उफान से और अन्य विरोधों से यह दावा खतरे में पड़ चुका है। 

चुनाव में निश्चित रूप से हानि की संभावना को मानकर राजनीतिक सूझबूझ अपनाते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदीजी को राजपूतों से सुलह के प्रयास में आगे आना चाहिए।

राजपूतों का विरोध बढता हुआ एक राज्य से दूसरे राज्य में बढ रहा है। आक्रोश इस हाईलेवल पर पहुंच गया है कि भाजपा का अन्य राष्ट्रीय पदाधिकारी बात करे तो भी शांति होने की संभावना दिखाई नहीं देती।

* राजस्थान जैसे शांत राज्य में भी राजपूतों का विरोध लगभग आधी सीटों को प्रभावित कर रहा है जिसमें बाड़मेर जेसलमेर सीट तो निर्दलीय रविंद्र भाटी के साथ बहुत भीड़ नजर आती है। भाजपा और कांग्रेस दोनों ही इस सीट पर भाटी से कमजोर है। 

* भाजपा राजपूतों के विरोध के उफान को शांत करने की समझदारी के बजाय भाटी पर देश विरोधी ताकतों से विदेशी फंडिंग का आरोप लगा रही है। इस आरोप से राजपूत और अधिक गरमा गये हैं। ऐसी स्थिति में समझौता होने शांति  होने की संभावना एकदम धूल में है।

* भाजपा राजस्थान में सभी 25 सीटों पर जीत का दावा कर रही है लेकिन विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स और जनता का आकलन 7 से 10 सीटों पर भाजपा की हानि मान रहा है तो ऐसी हालात में मोदीजी की 400 से पार की घोषणा पूरी होती नहीं लगती। लोकसभा चुनाव के प्रथम चरण में राजस्थान में 19 अप्रैल से मतदान शुरू हो जाएगा। राजपूतों से तुरंत कोई बातचीत होने की उम्मीद अब संभव नहीं है। 

👌 राजपूतों को भ्रमित करने के लिए रात में और 19 अप्रैल को कुछ भी झूठे समाचार पोस्टें भाजपा को समर्थन देने के, राजपूतों के किसी संगठन के,कुछ सदस्यों के, सोशल मीडिया पर ग्रुपों में आ सकते हैं।

 👍 अब लगता नहीं है कि राजपूत अचानक आए किन्हीं पोस्टों से प्रभावित होकर बदल जाएं। राजपूतों क्षत्रियों के अपने सैंकड़ों ग्रुप हर राज्य में बने हुए हैं और एक दूसरे से बात करते हैं।

👌राजपूतों का मानना है कि हर चुनाव में उनको पीछे धकेला जाता रहा है और सीटें कम की जाती रही हैं। 

👍राजपूत इसी 2024 के चुनाव में ही भाजपा को सीख देना चाहते हैं और आगे का इंतजार नहीं करना चाहते। मोदी जी के नाम से वोट मिलने की धारणा से भाजपा की बड़ी भूल हो सकती है। राजनीति में पल पल हालात बदलते रहते हैं। 

** मोदीजी के नारे के हिसाब से भाजपा गठबंधन 400 पार का दावा कर रहा है वहीं अन्य भाजपा की 250 से 255 सीटें ही मान रहा है। सभी के अपने अपने दावे हैं। आम जनता मोदीजी जी से भाजपा से नाराज है और कितनी नाराज है और खुश है तो कितनी खुश है? यह तो संपूर्ण चुनाव परिणाम के बाद ही मालुम हो पाएगा।०0०

18 अप्रैल 2024.

करणीदानसिंह राजपूत,

पत्रकारिता 60 वर्ष.

सूरतगढ़ ( राजस्थान)

94143 81356

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बुधवार, 17 अप्रैल 2024

श्रीगंगानगर सीट:क्या कांग्रेस यह सीट भाजपा से छीन लेगी?

 

* करणीदानसिंह राजपूत *

लोकसभा चुनाव 2024 में एक बड़ा सवाल चल रहा है कि क्या कांग्रेस पार्टी भाजपा से यह सीट छीन लेगी? लोगों की हालात पर नजरें लगी है कि इस सीट पर क्या भाजपा कमजोर और कांग्रेस मजबूत हो गई है कि उलटफेर हो जाएगा?इस सीट पर 2019 में निहालचंद मेघवाल 4 लाख से अधिक मतों से जीते थे। इसबार 2024 में निहाल चंद की टिकट काट कर अनूपगढ़ की प्रियंका बेलाण को दी गई है जिनकी मुख्य टक्कर कांग्रेस के कुलदीप इंदौरा से है। दोनों की टक्कर में कौन भारी है? भाजपा भारी है या कांग्रेस भारी है?

👌 सन् 2023 के चुनाव पर अध्ययन करें तो अभी कांग्रेस भारी है। श्रीगंगानगर लोकसभा सीट में विधानसभा सीटें 8 हैं। विधानसभा चुनाव में भाजपा इन आठ सीटों में से केवल तीन सीटें ही जीत पाई थी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी का भाषण भी पीलीबंगा में हुआ था लेकिन आसपास भी असर नहीं हुआ और पीलीबंगा सूरतगढ़ हनुमानगढ़ रायसिंहनगर सीटें भाजपा हार गई। विधानसभा चुनाव को 4 महीने ही बीते हैं और इतने समय में कोई बड़ा बदलाव दिखाई नहीं पड़ रहा। 

👌 भाजपा के हालात को आखिरी समय में बहुत बड़ी ताकत मिल सकती है कि सभी ईमानदारी और लग्न से काम करें और अपने घरों से बाहर निकलें। अभी तक ऐसी स्थिति दिखाई नहीं दे रही है।

 👌👌 नेता कार्यकर्ता पदाधिकारी,विधानसभा चुनावों के टिकटार्थी और लोकसभा चुनाव के टिकटार्थी सभी सीट पर जीत के लिए ईमानदारी से काम करने के लिए घरों से बाहर निकलें तब भाजपा से कांग्रेस यह सीट छीन नहीं सकती।

 👍ईमानदारी से काम करेंगे तो निहालचंद मेघवाल की 4 लाख से अधिक मतों की जीत कायम रह सकेगी और प्रियंका बेलाण भी इतने मत या अधिक ले सकेगी। भाजपा के ये सभी लोग पदाधिकारी अभी किस स्थिति में जीत के लिए सीढी के किस पायदान पर खड़े हैं? यह स्थिति जनता से कभी छुपा कर नहीं रखी जा सकती। कौन कौन अपने घरों से निकले हुए हैं?कौन सभाओं में फोटो खिंचवाने के लिए शामिल हुए? कौन कितने दिन से कितना समय दे रहे हैं? कौन अभी भी घरों से बाहर नहीं निकले हैं? यह समीक्षा तो श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ के जिला अध्यक्षों तथा प्रदेश अध्यक्ष व अन्य पदाधिकारियों ने निरंतर की होगी? जनता की नजरें हर जगह हर नेता पर रहती है। भाजपा की कमजोरी रही है कि सभी को घरों से बाहर निकाल नहीं पाई। इसके लिए ईमानदारी से काम ही नहीं हुआ। 👌जिन नेताओं को भाजपा में शामिल किया था वे लोग भी क्या साथ में लग गये।*

👍 19 अप्रैल को मतदान है। जब परिणाम आएगा तब सभी को मालुम होगा कि जनता ने किसको साथ दिया। लेकिन भाजपा नेताओं और कांग्रेस नेताओं को अपने अपने मन में मालुम है कि कितनी ईमानदारी से काम किया है? अपने प्रत्याशियों की जीत के लिए काम किया या अपनी जमीन तैयार करने के लिए चेहरा दिखाया सभाएं की भागदौड़ की?

17 अप्रैल 2024.

करणीदानसिंह राजपूत,

पत्रकार,

सूरतगढ़ (राजस्थान)

94143 81356

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राजपूत क्षत्रीय संघ करणी मंदिर में चैत्रीय नवरात्र नवमी पर हवन.

 






* करणीदानसिंह राजपूत *

सूरतगढ़ 17 अप्रैल 2024.

राजपूत क्षत्रिय संघ ने श्री करणी माता मंदिर प्रांगण में चैत्रीय नवरात्र की नवमी पर पूजन अर्चन और हवन कराया। राजपूत सरदारों मलसिंह भाटी, पत्रकार करणीदानसिंह राजपूत बैस,किशोरसिंह जादौन एवं उम्मेदसिंह शेखावत सपत्नीक हवन किया। करणी माता का पूजन किया गया। कन्याओं को प्रसाद भोजन कराया गया। श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरण किया गया।o0o

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मंगलवार, 16 अप्रैल 2024

17 अप्रैल को सायं 6 बजे से चुनाव प्रचार बंद होगा*

 




करणीदानसिंह राजपूत *

18 व 19 अप्रैल को प्रिन्ट मीडिया में विज्ञापन छपने से पूर्व अधिप्रमाणन जरूरी


श्रीगंगानगर, 16 अप्रैल 2024.
लोकसभा आम चुनाव 2024 के दौरान 19 अप्रैल को मतदान दिवस होने के कारण 18 व 19 अप्रैल को समाचार पत्रों में छपने वाले राजनैतिक दलों व उम्मीदवारों के विज्ञापनों का प्रकाशन अधिप्रमाणन के बाद ही किया जा सकेगा। जिला स्तरीय विज्ञापन अधिप्रमाणन समिति से प्री-सर्टिफिकेशन के बाद ही समाचार पत्रों में विज्ञापन प्रकाशित किये जा सकेंगे। 18 व 19 अप्रैल को ई-पेपर व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में किसी प्रकार के चुनाव से संबंधित विज्ञापन प्रसारित नहीं होंगे।
जिला निर्वाचन अधिकारी श्री लोकबंधु ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार प्रथम चरण में 19 अप्रैल 2024 को गंगानगर संसदीय क्षेत्र के लिये मतदान होगा। आयोग के निर्देशानुसार समस्त राजनैतिक दल व गंगानगर संसदीय क्षेत्र से निर्वाचन में भाग ले रहे सभी उम्मीदवार 17 अप्रैल 2024 सायं 6 बजे के बाद इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से प्रचार-प्रसार नहीं करेंगे, सायं 6 बजे से प्रचार बंद हो जायेगा। 18 व 19 अप्रैल को प्रिन्ट मीडिया में विज्ञापन देने से पूर्व जिला स्तरीय विज्ञापन अधिप्रमाणन समिति से प्रिन्ट मीडिया के विज्ञापनों का अधिप्रमाणन करवाकर ही प्रिन्ट मीडिया में विज्ञापन प्रसारित किये जा सकते हैं।
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💐 इनके घरों से निकली आवाज हिला देगी देश की संसद..





काव्य:करणीदानसिंह राजपूत.


रोटी के लिए

नन्हे बाल बालिका का श्रम

विकास की ऊंचाईयां छूता महान भारत

कोसता हूं उनको तो देशद्रोही बता देंगे

लेकिन मैं नमन करता हूं उनको 

सदा

नमन से ही राष्ट्र भक्त होने का प्रमाण

मैं रखता हूं सदा अपने साथ।


मैं तो बना रहूंगा भक्त

मगर कच्चे घरों की बस्तियां

ध्वस्त कर देती है पक्की हवेलियां

भूखे पेट की ताकत नहीं समझते

उड़ा देती है फौलादी सत्ता !


इनके घरों से निकली आवाज 

हिला देगी देश की संसद.

तुम्हारे विकास को नमन करते

कच्ची बस्तियों में 

भूखे पेट लोग बढ रहे हैं।

***

27 जून 2023.प्रातः काल. 

अपडेट 16 अप्रैल 2024.




करणीदानसिंह राजपूत,

पत्रकार,

सूरतगढ़ ( राजस्थान )

94143 81356.

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मोदीजी तीसरी बार:सारे देश में तूफान से पहले की शांति:क्या है जनता का मन!

 



* करणीदानसिंह राजपूत *

 प्रधानमंत्री पद पर दो बार बैठे नरेन्द्र मोदी तीसरी बार लोकसभा चुनाव में डरे हुए हैं। दो बार आसानी से जीतने वाली पार्टी नेता को तीसरी बार जीतने के लिए कांग्रेसियों, भ्रष्टाचारियों दुष्कर्मियों तक का स्वागत करते हुए भाजपा में मिलाना पड़ रहा है। तीसरी बार मोदीजी बहुत डरे हुए क्यों हैं जिसके कारण गये बीते लोगों को भाजपा में मिलाया जा रहा है।


 अबकी बार चार सौ पार की घोषणा करने वाले मोदीजी को भाजपा की जीत पर शंका का डर क्यों सता रहा है? भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं को इसके कारण खोजने चाहिए।


* सन् 2014 में मोदीजी आसानी से प्रधानमंत्री बने। उस समय किसी कांग्रेसी को और भ्रष्टाचारी को भाजपा में नहीं लिया था।


** सन् 2019 में भी मोदीजी आसानी से प्रधानमंत्री बने थे।उस समय भी किसी कांग्रेसी को और भ्रष्टाचारी को भाजपा में शामिल करने की जरुरत नहीं पड़ी थी। 


*** तो अब सन् 2024 के चुनाव में इतना अधिक डर है कि वे सभी कार्य कर रहे हैं जो संघ के भाजपा के संस्कारों के एकदम विपरीत है।

क्या इस बार जीत में संशय है और इसलिए भाजपा में कांग्रेसियों,दुष्कर्मियों भ्रष्टाचारियों, बैंकों का लाखों करोडो़ं कर्ज लेकर डकारने वालों, हत्याकांड आरोपियों,कालाबाजारियों को शामिल किया जा रहा है कि किसी तरह से हौवा खड़ा करके जीत जाएं। प्रधानमंत्री बनने की हैटट्रिक बनाने के चक्कर में क्या क्या खो रहे हैं? यह मोदीजी भूल नहीं रहे बल्कि जानते हुए भुला रहे हैं।

* प्रधानमंत्री जी की गलतियों से संघ स्वयं सेवकों व भाजपा के ईमानदार कार्यकर्ताओं को कांग्रेसियों,दुष्कर्मियों भ्रष्टाचारियों का स्वागत करना पड़ रहा है। रेप आरोपों के अभियुक्तों तक को साथ बैठाना पड़ रहा है। महिला कार्यकर्ताओं के बीच दुराचारियों पर इसलिए भरोसा करेंगे कि तीसरी बार फिर मोदीजी को प्रधानमंत्री बनाना है।

👍 कांग्रेसियों,दुष्कर्मियों भ्रष्टाचारियों पर भरोसा है कि ये वोट दिलाएंगे अपने कार्यकर्ताओं पर भरोसा क्यों नहीं रहा?अपने कार्यकर्ता दो बार जिता लाए लेकिन इसबार  शंका क्यों है?

👍👍 कांग्रेसियों,दुष्कर्मियों भ्रष्टाचारियों के पास कौनसे वोट हैं? भ्रष्ट लोगों से दुखी जनता ने भाजपा का साथ दिया था। अब भाजपा  भ्रष्ट लोगों को मिलाने लगी है तो जनता भाजपा को वोट क्यों देगी ? जनता नाराज हो रही है।




👍भाजपा नेता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष, प्रदेशों के अध्यक्ष आदि  खुश हो रहे हैं, लेकिन देश की जनता को कोई खुशी नहीं हो रही। 

👍👍 कांग्रेसी कह रहे हैं हर ओर चर्चा है कि कांग्रेस में जो भ्रष्टाचारी थे वे निकल गये अब कांग्रेस शुद्ध हो रही है और भाजपा भ्रष्टाचारियों को मिला कर अशुद्ध हो रही है। भाजपा के ईमानदार कार्यकर्ताओं की नेता सुन नहीं रहे। नाराजगी भीतर भीतर बढ रही है।  भाजपा नेताओं  को भरोसा है कि देश भक्ति की भावनाओं में डूबे कार्यकर्ता भाजपा को छोड़कर और कहीं नहीं जा सकते। लेकिन यह सोच गलत भी हो सकता है। भाजपा के बड़े नेता और घुसाए हुए नेता तो एक हो गये लेकिन आम कार्यकर्ता और आम जनता को तो कुछ भी नहीं मिला फिर वे भाजपा को वोट क्यों दें? भाजपा नेताओं का भ्रम टूट सकता है और चौंकाने वाले परिणाम भी आ सकते हैं।


👍👍👍 मोदीजी की सरकार दो बार बहुमत से बन जाती है तो अब तीसरी बार 400 सीटों से भी अधिक सीटों की आवश्यकता ही क्यों है?




👌 क्या संविधान में कोई बड़ा बदलाव करना चाहते हैं? हालांकि मोदीजी ने कहा है कि संविधान में कोई भी बदलाव नहीं कर सकता लेकिन अपने मन का नहीं कहा। मोदीजी ने यह नहीं कहा- मैं संविधान में कोई संशोधन नहीं करूंगा। लोग मोदीजी की बातों पर पहले विश्वास करते थे। इस बार 2024 में जनता के मन को कोई भी पढ नहीं पाया। सारे देश में तूफान से पहले की शांति छाई है। क्या है जनता का मन? सत्ता या विदा.०0०

दुर्गा अष्टमी.16 अप्रैल 2024.

करणीदानसिंह राजपूत,

पत्रकारिता 60 वर्ष.

सूरतगढ़ ( राजस्थान )

94143 81356.

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👌 अच्छा लगे तो शेयर करें.प्रकाशित करें।*

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सोमवार, 15 अप्रैल 2024

* मित्र महेश सैन: कर्तव्य के प्रति समर्पित:

 



* करणीदानसिंह राजपूत *

कोटा से मैं और पत्नी विनीता सूर्यवंशी सूरतगढ़ के लिए रवाना होने के लिए कोटा श्रीगंगानगर सुपरफास्ट पर सवार हुए और मित्र महेश सैन मिलने पहुंचे। पहले ही कह दिया था कि बाहर हूं लेकिन रेलवे स्टेशन पर मिलने जरूर पहुंचूंगा। प्लेटफार्म पर कोच के पास यादगार के लिए एक सज्जन से फोटो खिंचवाई।

* राजस्थान पत्रिका सूरतगढ़ कार्यालय में मुझे महेश सैन का कम्प्यूटर पर बड़ा सहयोग मिला। कर्तव्य के प्रति समर्पित महेश सैन कुछ वर्षों से दैनिक नवज्योति कोटा में कार्यरत हैं।०0० 

15 अप्रैल 2024.

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400 पार : मोदीजी सीटों के नाम घोषित करें जहां जीत है.घोषणा दमदार है या खोखली.

 

* करणीदानसिंह राजपूत *

प्रधानमंत्री नरेन्द्र जी मोदी ने घोषणा की है कि इसबार 400 के पार होंगे। मोदी जी जीत होने वाली सीटों के नाम बताकर अपनी घोषणा को दमदार बनाएं क्योंकि लोगों को अब तक खोखली ही लग रही है। 

प्रधानमंत्री मोदी के मुंह से निकली यह घोषणा साधारण तो नहीं है जिसे भाजपा का हर नेता कार्यकर्ता आगे से आगे प्रचारित प्रसारित करने में लगा है।

मोदीजी के लिए तो 400 पार सीटों के नामों लिए समय की भी जरूरत नहीं। केंद्र और राज्यों की इंटेलीजेंस सूचनाएं, सर्वे एजेंसियों की सूचनाएं, भाजपा स्वयं की एकत्रित सूचनाएं राज्य वार नाम वार तैयार ही होंगी। प्रथम चरण के मतदान से पहले ही यह सार्वजनिक कर दी जानी चाहिए। अगर ये नाम सार्वजनिक नहीं किये जाते हैं तो घोषणा पर विश्वास नहीं किया जा सकता। लोग यह भी मान लेंगे कि मोदीजी ने हवाई घोषणा की है। वैसे लोगों को यह घोषणा सच्ची होती नहीं लग रही क्योंकि लोगों का समर्थन लगातार घट रहा है। बड़े अखबार बड़े चैनल चाहे किन्हीं कारणों से इसे छिपाये हुए रखें लेकिन अधिक समय तक सच्च कभी छुपाकर नहीं रखा जा सकता।  ०0०

15 अप्रैल 2024.

करणीदानसिंह राजपूत,

पत्रकार,

सूरतगढ़ ( राजस्थान )

94143 81356

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रविवार, 14 अप्रैल 2024

झोला ढूंढ कर मोदी जी को थमाने का वक्त आ गया है.लोग ऐसा क्यों मानने लगे हैं?

 

* करणीदानसिंह राजपूत *

अब वह समय आ गया है कि जनता उनके हाथों में झोला डंडा थमा कर रवाना करे,क्योंकि वे स्वयं अब जाने वाले नहीं है। इस साधु का मन राज में रम गया है। मन को ऐसा रमा लिया है कि किसी भी मंत्री को बोलने झंडी दिखाने लोकार्पण शिलान्यास करने का मौका नहीं देते। सभी मंत्रियों के काम अकेले करते हैं।सभी मंत्रियों के अधिकार अपने में समाहित कर लिए हैं और बोले तो पद भी छिन जाएगा इसलिए कहीं से चूं की आवाज भी नहीं आ रही। जब सारे काम अपने ही दिखाने हैं तो मंत्रियों की संख्या 8-10 तक सीमित करके खर्च कम करने का उदाहरण पेश किया जा सकता है। एक अनूठा प्रयोग किया जा सकता है लेकिन अभी यह सुझाव किसी ने दिया नहीं है।

मोदीजी जी ने भाषण जरूर दिया था राजपाट छोड़ने का लेकिन अपनी मर्जी से अब राज छोड़कर जाने वाले नहीं है। झोला ढूंढ कर मोदी जी को थमाने का वक्त आ गया है। लोग ऐसा  मानने लगे हैं?

मोदी जी ने यह भाषण दिया था" हमारा क्या है हम तो फकीर हैं, जब चाहेंगे झोला डंडा उठा कर चल देंगे।" आखिर जनता के विचारों में से मोदीजी दूर कैसे होते जा रहे हैं।

पीएम केयर फंड में कितना रूपया जमा किया कितना कहां खर्च किया? कोई हिसाब नहीं मांग सकता। सूचना अधिकार से भी नहीं मांग सकते।आखिर यह नियम क्यों बनाया? देशवासियों से क्यों छिपाया? प्रधानमंत्री यह क्यों छिपाना चाहते हैं? क्या धन का खर्च ऐसी जगह ऐसे कामों पर खर्च हुआ जो जनता में मान्य नहीं हो। देश का ही धन और उसके लिए देशवासी जान नहीं सकते।


नोटबंदी जिसमें लाखों लघु उद्योग बंद हुए करोड़ों लोगों की रोजी रोटी छिन गई और मोदी जी शाबासी लेते रहे। नई करैंसी छापी गई उसका खर्च कितना आया?

अनेक काम और योजनाएं हैं जो सवालों के घेरे में हैं।

इलेक्ट्रिकल बांड का भी भंडाफोड़ हो गया।

विदेशों से  कालाधन लाने का बड़ा वादा था। वह ला नहीं पाए। आश्चर्य जनक यह हुआ है कि मोदी राज में स्विस बैंकों में कालाधन बढ गया है। यह कैसे बढा?

* जो पूंजी पति धंधे बाज करोड़ों रूपये बैंकों का लेकर विदेश भाग गये उनको वापस नहीं ला पाए। कितना प्रयास किया। करोड़ों रूपये डकारने वाले विदेशों में ऐयाश जीवन जी रहे हैं और भारत में कानून का पालन करने वाले गरीबी जीवन। 

गाय को माता कहने की राजनीति में विपक्ष पर भाजपा के लोग आरोप लगाते रहे। मोदी सरकार ने कत्लकारखानों के आधुनिकीकरण के लिए करोड़ों रूपये दिए ताकि वे अधिक मांस विदशों को भेज सकें। अब तो यह भी सामने आ गया है कि कत्लकारखाने वाले बड़े मालिक से करोड़ों का चंदा भी लिया है। 

गुजरात में अजब गजब शराब नीति है जहां शराबबंदी है और अवैध रूप से हर स्थान पर उपलब्ध है। कालाबाजरिये तस्कर हर दिन करोड़ों रूपये कमा रहे हैं तो अकूत संपत्ति भी बना चुके हैं, जहां पर ईडी सीबीआई आदि कोई छापे नहीं मारती लेकिन दिल्ली में छापेमारी करती है। और केवल बयान पर कार्यवाही करती है,मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और दिल्ली की आप सरकार आंखों में खटक रही है सो केवल एक बयान पर केजरीवाल को जेल भेज दिया। बयान देने वाला भाजपा से संबंधित है। बयान पर पहले जांच होती यदि कुछ तथ्य मिलते तब गिरफ्तारी होती तो जनता सही मानती। जिस शराब नीति का हल्ला मचाया जा रहा है उसको उपराज्यपाल स्वीकृत कर चुके थे।ऐसा क्यों हुआ? करोड़ों रूपया खाने का आरोप है लेकिन कहीं बरामदगी नहीं हुई तो पैसा कहां गया? इससे भाजपा की बदनामी हुई है। जहां अभी तक कुछ मिला नहीं वहां केजरीवाल और उसके मंत्री को पकड़ना और करोडो़ं रूपये खाने वाले भ्रष्टाचारियों को जेल में नहीं भेजकर भाजपा में शामिल कर स्वागत करना आश्चर्यजनक है। ऐसे कामों से विपक्ष को कुचलने जेल में डालने की राजनीति को भाजपा अच्छा बताए,चाहे मोदी जी का प्रचार करे लेकिन जनता अच्छा नहीं समझ रही है। 

*झोला डंडा ढूंढ कर मोदी जी को थमाने का वक्त आ गया है।लोग ऐसा क्यों मानने लगे हैं?लोकतंत्र में किसी को सत्ता में लाना या हटाना है तो वह चुनाव और वोट है। लोकसभा के आमचुनाव 2024 के परिणाम के बाद ही जनता के भीतर की सही सोच उजागर हो पाएगी। 

०0०

बाबा भीमराव अम्बेडकर जयंती

14 अप्रैल 2024.

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करणीदानसिंह राजपूत,

पत्रकार, सूरतगढ़. राजस्थान.

94143 81356

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